क्यू होती है sunday को छुट्टी !छुट्टी किसको पसंद नहीं होती है फिर वो चाहे बच्चा हो या बडा , छुट्टी चाहे एक दिन की हो या दस दिन कि , सभी को छुट्टी का इंतज़ार रहता है अगर हमको छुट्टी किसी त्यौहार की मिलती है तो हमको पता होता है कि छुट्टी क्यों है लेकिन क्या आपको पता है कि हमको रविवार की छुट्टी क्यों मिलती है ? आपको इस Blog में पता चलेगा !
रविवार की छुट्टी के दोनों धार्मिक और ऐतिहासिक कारण है और तो और अलग अलग धर्मो में अलग अलग कारण है !
धार्मिक कारण
हिन्दू पंचांग के अनुसार
हिन्दू पंचांग के अनुसार , रविवार से ही सप्ताह की शुरुआत होती है ! यह दिन सूर्य देवता का होता है और हिन्दू पौराणिक ग्रंथो के अनुसार इस दिन सूर्य सहित सभी देवी देवता की पूजा करने का विधान है !
इस दिन पूजा करने से पूरे सप्ताह मन शांत रहता है ! कोई बाधा या परेशानी नहीं आती है ,मनुष्य नकारात्मकता से दूर रहता है ! इस परम्परा यानि रविवार को पूजा करने को निभाने में कोई परेशानी या दिक्कत न आए इसलिए रविवार को छुट्टी का प्रावधान था !
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार
अंग्रेजी कैलेंडर में रविवार को सप्ताह का अंतिम दिन माना जाता है ! अंग्रेजी मान्यता के अनुसार ईश्वर ने सृष्टि को लगातार 6 दिनों तक बनाया था तथा 7 दिन आराम किया था इसलिए रविवार को सप्ताह का आखिरी दिन माना जाता है और इस दिन को छुट्टी होती है ! रविवार को अंग्रेजी कैलेंडर में Weekend कहते है !
ईसाई धर्म के अनुसार
ईसाई धर्म के अनुसार यीशु का सूली पर लटकाये जाने के, तीन दिन बाद वो पुनर्जीवित हो गए उस दिन रविवार था ईसाई धर्म के अंदर रविवार को ईस्टर कहा जाता है क्यूंकि इस दिन यीशु पुनर्जीवित हुए थे इस दिन तरह तरह के समारोह किये जाते थे और धीरे धीरे रविवार को एक स्थाई छुट्टी होने लगी !
ऐतिहासिक कारण
भारत में
अंग्रेज़ो के शासन काल में भारतीय समाज के हर व्यक्ति पर बहुत ज्यादा जुल्म किये जाते थे ! फिर वो चाहे किसी भी वर्ग का क्यों न हो ! लेकिन जिन लोगो की हालत सबसे ख़राब थी वो थे भारतीय मजदूर वर्ग ! फिर वो चाहे भी उद्योग का क्यों न हो !
उनसे सप्ताह के सातो दिन काम करवाया जाता था ! उनको किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं दी जाती थी और तो और उनको दोपहर के भोजन के लिए भी समय नहीं दिया जाता था उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जाता था !
अंग्रेज़ मालिक और मज़दूर रविवार को छुट्टी मानते थे चर्च जाकर सामूहिक प्रार्थना करते थे और इस दिन घर पर आराम करते थे लेकिन भारतीय मज़दूरों के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं था
1883 में मज़दूरों के लिए आवाज़ उठाने की पहल Shri Narayan Meghaji Lokhandhe ने की ! उन्होने अंग्रेज़ो से मांग की कि मज़दूरों से 6 दिन काम लिया जाए और उनको 1 दिन दिया जाए , जिस दिन वो आपने देश और समाज की सेवा कर सके ! इसके आलावा दोपहर के भोजन के लिए समय और हर महीने 15 तारीख को वेतन दिये जाने की मांग की उन्होंने कहा कि रविवार हिंदू देवता खंडोवा जी का दिन होता था इसलिए इस दिन छुट्टी होनी चाहिए
अंग्रेज़ो ने उनकी सभी मांगो को मानने से माना कर दिया ! लेकिन Shri Narayan Meghaji Lokhandhe ने आपने संघर्ष जारी रखा और 7 सालो के बाद 10 जून 1890 से अंग्रज़ी सरकार ने रविवार को स्थाई छुट्टी घोषित कर दिया !
विदेशो में
मुस्लिम देशो में शुक्रवार को छुट्टी के रूप में मनाया जाता है क्यूंकि इस दिन वो इबादत करते है ! लेकिन अधिकतर देशो में छुट्टी रविवार को होती है ! अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार भगवान ने 6 दिनों तक सृष्टि का निर्माण किया था और 7वे दिन उन्होंने आराम किया था इसलिए रविवार को छुट्टी होती है !
1843 CE में अंग्रेज़ो ने रविवार की छुट्टी घोषित की थी और 1844 CE में रविवार को स्कूलों की छुट्टी का प्रावधान किया गया !
Shri Narayan Meghaji Lokhandhe
1.19वी सदी में Lokhandhe जी कपडा मिल की कार्य प्रणाली में कुछ बदलाव करना चाहते थे !
2.वह श्रम आंदोलन के नेता थे !
3.इनको Trade Union के जनक के रूप में जाना जाता है !
4.महात्मा ज्योतिबा फुले और लोखंडे जी , दोनों ने मिलकर भारत के पहले कामगार संगठन,Bombey Mil Association बनाया !
5.भारत सरकार ने 2005 में Shri Narayan Meghaji Lokhandhe जी का एक डाक टिकट जारी किया !
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