~~~तुझे गलत कहने को जी चाहता है~~~
तुझे गलत कहने को जी चाहता है
आज तक कभी तुझे गलत नहीं कहा,
पर आज गलत कहने को जी चाहता है
कभी किसी ने ऐसा दर्द नहीं दिया…
पर इस जख्म को हरा रखने का जी चाहता है…
मैं तो तन्हा जी ही रहा था..
पर तूने मुझे आकर अपना कहा
उस वक़्त तू गलत थी..
गुमनामो रास्तो में कहीं गुम सा गया था मैं..
पर तूने मेरे साथ को अपना कहा
उस वक़्त तू गलत थी
Nakaam Si Koshish
जब तू मेरी ज़िन्दगी बन गई
उस वक़्त तू गलत थी
मेरे हँसने रोने की हर वजह बन गई
उस वक़्त तू गलत थी
आज तक कभी तुझे गलत नहीं कहा..
पर आज गलत कहने को जी चाहता है…
कभी किसी ने ऐसा दर्द नहीं दिया…
पर इस जख्म को हरा रखने का जी चाहता है…
मेरी सांसें भी जब
तेरा नाम लेने लगीं..
उस वक़्त तू गलत थी..
मेरी धड़कने भी बस
तुझसे चलने लगीं..
उस वक़्त तू गलत थी
कुछ देर बात ना हों तुझसे
तो दिल घबरा जाता था
उस वक़्त तू गलत थी…
~~~तुझे गलत कहने को जी चाहता है~~~
तुझसे दूर होने के डर से
मेरा दिल कांप जाता था..
उस वक़्त तू गलत थी..
आज तक कभी तुझे गलत नहीं कहा..
पर आज गलत कहने को जी चाहता है..
कभी किसी ने ऐसा दर्द नहीं दिया..
पर इस जख्म को हरा रखने का जी चाहता है..
वास्तव में गलत तू नहीं
गलत मैं हूँ….
जो तुझे अपनी ज़िन्दगी बना लिया है…
गलत तू नहीं
गलत मैं हूँ…
जो तुझे रूह में बसा लिया है..
तेरी कुछ निशानियाँ बाकी हैं
गलत तू नहीं
गलत मैं हूँ..
जो तुझे अपना सब कुछ बनाया है…
गलत तू नहीं
गलत मैं हूँ..
जो तुझमे ही अपना हर सपना सजाया है…
गलत तू नहीं
गलत मैं हूँ…
जो केवल तुझको ही तुझको चाहा है…
जिस रोज़ तूने व्रत रखा…
तेरी कसम खाना मैंने भी नहीं खाया है..
तुझसे पहले भी कोई नहीं था..
ना कभी हो पायेगा…
दिल ने तुझे ना कल गलत कहा था…
ना कभी कह पायेगा…
ना तुझे कल गलत कहा था..
ना कभी कह पायेगा…!!!!
Awsm
Dhanywaad anika