Ek Ladka Tha Sidha Sadha Sa
एक लड़का था सीधा साधा सा,
शायद दिल बड़ा नादान था ..
उसका चुप चाप रहना
किसी से कुछ ना कहना
ज़माने से दिल
उसका अनजान था …
प्यार इश्क़ मोहब्बत क्या चीज़ होती है
बिलकुल भी नहीं
जानता था वो
बस खुद में मशरूफ रहता था
इन सब चीजों को व्यर्थ
मानता था वो….
फिर एक रोज़ बिना कुछ देखे
ना जाने कैसा वार हो गया
जिन चीजों को वो व्यर्थ मानता था
खुद ही उस रोग का शिकार हो गया..
एक रोज़ गया वो एक बाग़ में
जहाँ पूरा चमन खिला था
शायद यही वो जगह थी
जहाँ उसके दिल को कुछ मिला था…
फूलों की खुशबू पाकर
अब थोड़ा महक गया था वो
जो कभी बहुत ज्यादा सीधा था
अब थोड़ा बहक गया था वो…
Ek Ladka Tha Sidha Sadha Sa
खुशबू तो सभी फूलों की बड़ी प्यारी थी
पर एक फूल के सिवा उसके लिए कोई ख़ास नहीं था
उस फूल को वो पागल कब चाहने लगा
इस बात का उसे भी एहसास नहीं था..
दुनिया की हर चीज़ से ज्यादा
अब उस फूल को चाहने लगा था वो
उस एक फूल को निहारने के लिए
रोज़ाना बाग़ में जाने लगा था वो..
तेरी कुछ निशानियाँ बाकी हैं
उस फूल को देखकर वो मुस्कुरा देता था
वो फूल भी उसकी हर बात का दीवाना था
जब तक जियेंगे फूल और माली बनकर साथ जियेंगे
दोनों ने मिलकर यही ठाना था
लड़के ने हर कोशिश कर दी
उस फूल को पाने में
पर वो फूल थोड़ा नाज़ुक निकला
रिश्तों को निभाने में..
खुद से ज्यादा उस लड़के ने
चाहा उस फूल को..
पर चन्द सिक्कों की खनक ने
खरीद लिया उस फूल को..
कभी ना टूट सका था जो
वो लड़का इस पल टूट गया
दूर हुआ वो फूल इस कदर
की हर रिश्ता पीछे छूट गया…
टूटे दिल से भी वो लड़का
हर पल दुआ ये करता है
वो फूल आगे बड़े गुलदस्ता बने
क्योंकि उस लड़के का दिल
आज भी उस पर मरता है..
उस लड़के का दिल
आज भी उस पर मरता है..!!!
मैं और मेरी बुराई
Note:- यह कविता ( Abhilasha ) द्वारा submit की गयी है अगर आप भी अपनी कविता को हमारी Website lajawabhindi.com पर publish करना चाहते है तो हमे इस email ( aamabhilash@gmail.com ) पर भेज सकते है ! धन्यवाद ..
Ohhho nice
Thanxxx anika