आज फुर्सत में बैठी तो ये ख्याल आया है
लोगो की भीड़ में मेने खुद को अकेला पाया है !!
किसी ने थामनी चाही ऊँगली तो मेने हाथ थमाया है ,
जिंदगी के हर सफर में मेने साथ निभाया है !!
आज फुर्सत में बैठी तो ये ख्याल आया है….
कहा है वो लोग जिनकी दर्द में मेने भी आसू बहाया है ,
नयी मंज़िले क्या मिली ज़िन्दगी ने उन्हें भी ठुकराया है !!
आज फुर्सत में बैठी तो ये ख्याल आया है….
कहते थे जो लोग साथ नहीं छोड़ेंगे
तुम दिल से याद करोगे हम सामने होंगे,
आज उन सबका झूठ सामने आया है !!
आज फुर्सत में बैठी तो ये ख्याल आया है….
तुम्हारी ख़ुशी में मुस्कुरायी में ,
तुम्हारे दर्द को भी अपनाया है ,
कभी तो याद करोगे की तुमने
साथी मुझ सा पाया है..
आज फुर्सत में बैठी तो ये ख्याल आया है….
परवाह करना छोड़ रही हूँ ,
सुन लो परवाह करना छोड़ रही हूँ
और यह करने से पहले भी तुम्हे बताया है ,
क्यो की तुमने ही तो वजह दी है ,
तभी तो मुझे बदलाव आया है !!
आज फुर्सत में बैठी तो ये ख्याल आया है….
अब खुश हु तुम्हारे बिना ही,
क्युकी जिंदगी ने भी यही सिखाया है
हर रिश्ते में ही निभाऊ
ये जिम्मा भी क्या मेने ही उठाया है !!
आज फुर्सत में बैठी तो ये ख्याल आया है….
Note:- यह कविता ( Nikita Chaurasia ) द्वारा submit की गयी है अगर आप भी अपनी कविता को हमारी Website lajawabhindi.com पर publish करना चाहते है तो हमे इस email ( [email protected] ) पर भेज सकते है ! धन्यवाद ..
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Thnq
thanxx to you nikita
Ktrnak
dhanywaad neha
Such a great thoughts
Thanxxx muskaan
Mst😘😉😉
thanxx anika
Nice😍
thanxx karishma
Awesome
Thanxx Surbhi
Sachiii