Aaj Ka Neta
नेता बनने के लिए सभी तैयार है |
अर्थ लगाएं मात्र यह बिन लागत व्यापार
बिनु लागत व्यापार बहुत संपत्ति बनावे
धन आवे दिन रात विपक्ष को दोष लगावे
कहे अनाम कवी सुनिए मेरे देश की जनता
पीढ़ी दर पीढ़ी होती है , खेती बनने कि नेता ||
जनता गाली दे , भले मारे जूता धुल |
गाली उन्हें आशीष है , जूता, माला फूल
जूता माल फूल बढ़े निष दिन उनकी आय
धन भारत में ना रुके विश्व बैंक में जाए
कह अनाम कवि , जनसेवा लगती असमता
भले देश अवनति करे , क्या कर लेगी जनता
आगे आगे देखिये अब क्या होता जाए
पशु चारा , पेपर , जमीन सब उनके पेट समाये ।।
Aaj Ka Neta
उनके पेट समाये , बहुत है तगड़ी पाचन शक्ति
बगुला जैसी दिखती उनकी ईश्वर भक्ति
कह अनाम कवि नेता कब तक जंग से भागे
जब उनको पहचान चुनाव में जनता जागे
हुआ एक्स – रे पेट का सब कुछ दिया दिखाई |
गए जेल जब पकड़ पकड़ कर जनता ख़ुशी मनाई ||
जनता ख़ुशी मनाई लेकिन उनको शर्म ना आवे |
कैदी बनने पर भी वह तो दूध मलाई खावे ||
कह अनाम कवि कहते यह सरकार पड़ी ह विधवा
झूठा दोष लगाएं मुझ पर ऐसा कुछ ना हुआ ||
Gud one
Dhanywaad nikita credit goes to you😊🙏
Nice
Thanxx