Biography

Statue of Unity

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Written by Abhilash kumar
नमस्कार दोस्तों आज हम भारत के लौह पुरुष के बारे में बात करने जा रहे है जिन्होंने भारत को अखंड बनाने का सपना पूरा किया और उनका नाम है सरदार वल्लभ भाई पटेल इस ब्लॉग में हम Statue Of Unity के बारे में बात करेंगे….

आज राष्ट्रीय एकता दिवस (31 october 2018) के उपलक्ष्य पर भारत के माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति (Statue Of Unity) का उद्घाटन किया है ! यह भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को समर्पित एक स्मारक है जिसको गुजरात राज्य में राजपिप्ला के पास नर्मदा बाँध के पास साधू बेट नामक नदी द्वीप पर बनाया गया है !

यह 20,000 मीटर से अधिक का स्मारक है और 12 वर्ग km कृत्रिम झील से घिरा हुआ है इसकी ऊंचाई 182 मीटर है जो कि विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति है ! इसका Design पदम् श्री और पदम् विभूशन Ram V Sutar ने बनाया है ! इस परियोजना का Design, निर्माण और रखरखाव के लिए 2,989 crore की सबसे कम बोली के साथ में Larsen And Tourbo को Contract दिया गया था !

पहला प्रयास

इस परियोजना को पहली बार 7 october 2010 को घोषणा कि गयी थी ! सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट ने मूर्ति तथा अन्य संरचनाओं के लिए आवश्यक लौह के लिए अपने आसपास तथा देश के सभी किसानो को दान देने के कहा इस अभियान को “एकता आंदोलन कि प्रतिमा” का नाम दिया गया था इस अभियान से 5000 टन लौहा एकत्र किया गया ! शुरुआत में कहा गया था कि इस एकत्र लौहे का इस्तेमाल मूर्ति बनाने में किया जायेगा लेकिन बाद में इसका उपयोग, इस परियोजना के अन्य कार्यो को करने के लिए किया गया !

परियोजना(Project)

इस परियोजना के तहत World की सबसे ऊची मूर्ति बनाई गई ! इसकी उचाई 240 मीटर, आधार 58 मीटर और 182 मीटर की मूर्ति होगी ! इसको इस्पात, सीमेंट तथा कांस्य के साथ बनाया गया है ! मूर्ति को 75000 Cubic Meter कंक्रीट,5700 टन स्टील संरचना ,18500टन स्टील रॉड तथा 22500 टन कांस्य की चादरों की आवश्यकता थी !
पहले चरण में इसमे एक स्मारक ,आंगुतक केंद्र भवन, एक स्मारक उद्यान, एक होटल ,एक सम्मलेन केंद्र, एक मनोरंजन पार्क, शोध केंद्र और एक पुल आदि का निर्माण किया गया है ! इस स्मारक में दो लिफ्ट लगाई गयी है जिसका उपयोग करके दर्शक सीने तक जा सकते है !
वित्त
इस परियोजना को Public Private Partnership के तहत बनाया जा रहा है इस परियोजना का अधिकतर खर्च का भार Government Of Gujarat वहन कर रही है !

Construction

Turner Construction का एक संघ (जिसने बुर्ज खलीफा को भी बनाया था)Michael Graves and Associates and Meinharat Group इस परियोजना की देख रेख कर रहे है !
इस परियोजना को पूरा होने में 56 महीने लगे ! जिसमे Planning में 15 महीने, निर्माण के लिए 40 महीने तथा 2 महीने संघ द्वारा सौपने में लगे ! इस परियोजना में कुल लागत 2063 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया ! पहले चरण में,1347 Crore मूर्ति में ,235 Crore Exhibition hall और सम्मलेन केंद्र,83 Crore पुल के लिए (जो की मुख्य भूमि से स्मारक को जोड़ेगा) तथा मूर्ति को 15 वर्षो के लिए देख भाल पर खर्च किया जायेगा ! इस मूर्ति का निर्माण कार्य 33 महीनो में पूरा हो गया है इस मूर्ति की आधारशिला 2013 में 31 October को तब के मुख़्यमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने रखी थी !

मुद्दे:-

1.स्थानीय लोगो ने आस पास में मूर्ति के लिए ली गयी ज़मीन का विरोध किया है उन्होंने कहा है कि साधू बेट को मू ल रूप से वाराता बाबा टेकरी कहा जाता था जिसका नाम स्थानीय देवता के नाम पर रखा गया था और इसलिए यह एक धार्मिक महत्त्व का स्थान है !
2.पर्यावरण कार्यकर्ताओं के अनुसार इस परियोजना में पर्यावरण मंजूरी के बिना ही इस परियोजना को शुरू कर दिया गया था !
3.कई विपक्षी दलो ने इस परियोजना की आलोचना की है क्यूंकि उनका मानना है कि इतने सारे पैसे को किसी और काम पर खर्च किया जा सकता है !
4.मूर्ति में कांस्य की जरुरत को पूरा करने के लिए ,चीन से कांस्य आयात किया गया है जिसका बहुत ज्यादा विरोध किया गया है !

आशा करते है आपको आज का हमारा Blog पसंद आया होगा धन्यवाद

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Abhilash kumar

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