Poetry Shayari

Rishta Aaj Kal

Rishta Aaj Kal
Written by Nikita Chaursia

रिश्ता आज कल (Rishta Aaj Kal)

अब नही रिश्ता उनसे जो दर्द
में दामन छुड़ाते हैं ,
वक्त बदलता देख कर …
खुद भी बदल जाते हैं !!

याद करो वो वक्त भी ,
जब तुम परेशानियाँ अपनी बताते थे,,
घंटो तुमसे बात कर मन
हम तेरा बहलाते थे ||

अब नही रिश्ता उनसे जो दर्द
में दामन छुड़ाते हैं !!

भूल गए तुम वो वक्त भी जब
हमे साथ मुस्कुराते थे,
हँसने – हँसने के लिए ठिठोलियाँ
खूब कर जाते थे ..

अब नही रिश्ता उनसे जो दर्द
में दामन छुड़ाते हैं ||

ज़िन्दगी का भरोसा

अब कहाँ रहा वो वक्त जो साथ
हम बिताते थे ,,
मुखौटा लिए फिरते हो चेहरे
पर पहचान हम भी जाते हैं..
अब नही रिश्ता उनसे जो दर्द
में दामन छुड़ाते हैं ||

कभी खुश नहीं रहते तुम ,
इल्जाम हमें दे जाते हैं,
खुशी और गम जीवन के पहलू हैं
ये क्यो भूल जाते हैं ??
अब नही रिश्ता उनसे जो दर्द
में दामन छुड़ाते हैं |||

अब हम ऐसा रिश्ता रखेंगे जैसा
वो बनाते हैं ..
अंदर से कुछ और हौ ऊपर से
कुछ और दिखाते हैं..
अब नही रिश्ता उनसे जो दर्द
में दामन छुड़ाते हैं ||

दर्द से दोस्ती

शुक्रिया उन दोस्तों का जो साथ
मेरा निभाते हैं
मेरी एक मुस्कान को जोकर खुद
बन जाते हैं
अब नही रिश्ता उनसे जो दर्द
में दामन छुड़ाते हैं ||

डर जाती हूँ मैं जब कभी हौसला
मे मेरा बढ़ाते हैं
मेरी उदासी दूर करने को नींदे
अपनी गवाँते हैं।
अब बस रिश्ता उनसे जो साथ निभाते हैं
मुझे दर्द में देख खुशियाँ बिखेर वो जाते हैं ।

Note:- यह कविता  ( Nikita Chaurasia ) द्वारा submit की गयी है अगर आप भी अपनी कविता को हमारी Website lajawabhindi.com  पर  publish  करना चाहते है तो हमे इस  email ( aamabhilash@gmail.com ) पर भेज सकते है ! धन्यवाद ..

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Nikita Chaursia

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