Latest Collection of best Desh Bhakti Shayari in Hindi (देश भक्ति शायरी), Best Shayari for Desh Bhakti in Hindi. Read and share with friends, relative and social media also. Thanks
मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये
Desh Bhakti Shayari in Hindi| देश भक्ति शायरी
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।
इस तिरंगे को कभी मत तुम झुकने देना,
देश की बढ़ती शान को तुम कभी न रुकने देना,
यही अरमान है बस अब इस दिल में, कि ऐसे ही आगे तुम बढ़ते रहना।
रात होते ही आप नींद में खो जाते है,
सूरज ढलते ही वो तैनात हो जाते है…
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तैरना है तो समंदर में तैरो नालों में क्या रखा हैं,
प्यार करना है तो देश से करो औरों में क्या रखा हैं…
शम्मा-ए-वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा हो,
होठों पर गंगा हो और हाथों में तिरंगा हो.
भारत माता तुम्हें पुकारे आना ही होगा,
कर्ज अपने देश का चुकाना ही होगा,
दे करके कुर्बानी अपनी जान की,
तुम्हे मरना भी होगा मारना भी होगा।
Desh Bhakti Shayari in Hindi| देश भक्ति शायरी
लिख रहा हूँ मैं अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा.
चढ़ गये जो हँसकर सूली, खाई जिन्होंने सीने पर गोली,
हम उनको प्रणाम करतें हैं, जो मिट गये देश पर,
हम सब उनको सलाम करते हैं.यदि प्रेरणा शहीदों से नहीं लेंगे तो ये आजादी ढलती हुई साँझ हो जायेगी
और पूजे न गए, वीर तो सच कहता हूँ कि नौजवानी बाँझ हो जायेगी
ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें, भी परेशान हो जाएँ,
अगर परिंदे भी हिन्दू और मुसलमान हो जाएँ.
भगत सिंह के अनमोल वचन
लिख रहा हूँ मैं अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा
कतरा – कतरा भी दिया वतन के वास्ते ,
एक बूँद तक ना बचाई इस तन के वास्ते ,
यूं तो मरते है लाखो लोग हर रोज़ ,
पर मरना तो वो है जो जान जाये वतन के वास्ते …
Desh Bhakti Shayari in Hindi| देश भक्ति शायरी
देश के लिए प्यार है तो जताया करो
किसी का इन्तजार मत करो
गर्व से बोलो जय हिन्द
अभिमान से कहो भारतीय है हम
मैं भारत बरस का हरदम सम्मान करता हूँ,
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ
खून से खेलेंगे होली,
अगर वतन मुश्किल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना
अब हमारे दिल में है,
लड़े जंग वीरों की तरह,
जब खून खौल फौलाद हुआ |
मरते दम तक डटे रहे वो,
तब ही तो देश आजाद हुआ ||
करीब मुल्क के आओ तो कोई बात बने,
बुझी मशाल को जलाओ तो कोई बात बने,
सूख गया है जो लहू शहीदों का,
उसमें अपना लहू मिलाओ तो कोई बात बने।