Poetry

मैं और मेरी बुराई

मैं और मेरी बुराई | bad boy hindi poetry
Written by Abhilash kumar

मैं और मेरी बुराई
~~~~~मुझे बुरा ही रहने दो~~~~
बहुत बुरा हूँ ना मैं…
मुझे बुरा ही रहने दो…
सुना है,
अच्छे लोगों की कद्र तो अब
ज़माना भी नहीं करता…

ज़माने की हर बात सुनेंगे
तो जी नहीं पाएंगे…
ये खुदगर्ज ज़माना ,
ना जाने क्या क्या इलज़ाम लगाता है…

जो जितना ज्यादा शरीफ हो …
ज़माना उसे उतना ही ज्यादा सताता है…

बहुत रह लिए हम भी शरीफ बनकर …
आज कल शराफत सड़कों पर रोया करती है…
ये खुदगर्जी का ज़माना है जनाब…
यहाँ बईमानी महलों में सोया करती है…

Khayal (ख्याल )

पहले लोग कहते थे दौलत का क्या है…
कमानी ही है तो इज़्ज़त कमाओ…
इस ज़माने में इज़्ज़त की कीमत होती है…

अब दौर बदल गया है मेरे दोस्त…
अब दौलत के उन्ही बाज़ारों में इज़्ज़त खुद…
अपनी इज़्ज़त के लिए रोती है…

शराफत का चोगा ओढ़ कर
हर काम किया जाता है…
यहाँ सीधे साधे इंसान को
बदनाम किया जाता है…

जो थोड़ी खुशियाँ चाहता है
उसे गम हज़ार मिलते हैं…
खुशियों की कीमत है यहाँ मेरे दोस्त
यहाँ केवल आँसू ही मुफ़्त में मिलते हैं…

मैं और मेरी बुराई | bad boy hindi poetry

मैं और मेरी बुराई | bad boy hindi poetry


ना जज़्बातों का मोल यहाँ
और सच्चाई भी छोटी है…
जो जितना ओछा होता है
यहाँ पूछ उसी की होती है…

एक सच्चाई के सिवा जहाँ में
सब कुछ अब तो बिकता है….
कहीं रोज़ दावतें होती हैं
कहीं भूखा बच्चा दिखता है…

ना सबकी सोच बदल सकते हैं हम…
ना खुद को बदला जाता है…

Yaado Ki Nami

जो ईमान को लेकर चलता है…
वो घुट घुट कर मर जाता है…

पर जीना है इस दुनिया में…
तो फिर बदलाव जरुरी है…

कदम मिलाकर चलना है…
तो बदलना हमारी मज़बूरी है…

बहुत कह लिया जो कहना था …
अब कहने का कोई लाभ नही…

सब चलती फिरती लाशें हैं…
जिनमे कोई ज़ज़्बात नहीं…

मुझको सब पागल कहते हैं…
तुम जो भी समझो कह देना…

कुछ गलत कहा हो मैंने तो…
मुझको भी माफ़ी दे देना…
कुछ गलत कहा हो मैंने तो…
मुझको भी माफ़ी दे देना…!!🙏🏻

भूल गया तेरी हर बात को

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Abhilash kumar

Hello Friends this is Abhilash kumar. A simple person having complicated mind. An Engineer, blogger,developer,teacher who love ❤️ to gather and share knowledge ❤️❤️❤️❤️.

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