लोहे को सोना बनाने वाला पत्थर
paras patthar इस पत्थर के बारें में कहा जाता है की अगर लोहे को भी छू ले तो वह सोना बन जाता है. paras patthar को संस्कृत में ‘स्पर्श मणि’ कहा जाता है. बताया जाता है की पारस पत्थर की खोज करने वाले Albertus Manus ने 13वीं सदी में की थी. यह काले रंग का सुंगधित पत्थर होता है और इसकी सरंचना इस तरह की होती है की अगर यह लोहे के संपर्क में आता है तो लोहा भी सोना बन जाता है. पर इसका यह राज आज तक किसी को पता नहीं चला.
आज हम इस आर्टिकल में आपको पारस पत्थर के बारें में कुछ ऐसी बातें बताने वाले है और paras patthar यानि स्पर्श मणि से जुड़ी सभी जानकारियां आपके साथ साझा करेंगे. इससे आप लोहे को भी सोना बनाने वाले इस पत्थर के बारें में और अधिक जान पायेंगें.
पारस पत्थर से जुड़े कुछ सवाल
बहुत से लोगों का मानना है की paras patthar जैसी कोई चीज होती ही नहीं है तो कुछ लोग होने का दावा भी करते हैं. इसलिए पारस पत्थर से जुड़े अनेक ऐसे सवाल भी है जो अक्सर लोग पूछते हैं. आज हम उन्ही पारस से जुड़े प्रश्नों का जिक्र कर रहे हैं.
पारस पत्थर कहां पाया जाता है ?
आप जानते हैं की पारस पत्थर की खोज 13वीं शताब्दी में हुई थी पर यह सवाल हमेशा रहा है की इसकी खोज किस जगह की गई तो इसका जिक्र कही नहीं हुआ है. इसलिए पारस से जुड़े सवालों का जवाब देना बहुत मुश्किल है पर कुछ लोगों का मानना है की पारस पत्थर भारत में पाया जाता है पर इसे खोजना बहुत मुश्किल है.
पारस पत्थर का रंग ?
लोक कथाओं में अक्सर पारस पत्थर का जिक्र होता है ऐसे में वहां लिखा मिलता है की यह काले रंग का सुंगधित पत्थर ( कुछ लोग इसे सफेद और चमकदार भी कहते हैं ) होता है.
क्या सच में लोहे को सोना बना देता है पारस ?
वैसे तो इस बात में कितनी सच्चाई है किसी को पता नहीं है पर एक कहावत है की जिसके पास पारस पत्थर हो वह लोहे को भी सोना बना सकता है.
पारस पत्थर से जुड़ी कहानियाँ सच्ची है ?
हमारे अनेक लोक कथाओं के संग्रहन में पारस पत्थर का जिक्र हुआ है पर इन कहानियों में कितनी सच्चाई है यह हम नहीं बता सकते. क्योंकि पारस एक ऐसी पहली है जिसे आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए हैं.
पारस पत्थर होने का दावा हुआ है कभी ?
जी हाँ साउदी में अनेक लोगों के पास paras patthar होने की बात कही गई है, हालांकि यहाँ के किसी भी इंसान ने इसका दावा खुद नहीं किया है. वैसे यहाँ के लोगों की अमीरी के कारण लोग यहाँ पारस होने की बात कहते हैं.
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असलियत में पारस क्या है ?
मैंने बचपन में एक कहानी सुनी थी उसमे एक बुढ़िया अपने पौते को पारस की कहानी सुनाती थी और जब वह पौता बड़ा हुआ तो वह पारस की खोज में निकल गया. उसने अनेक लोगों ने पारस के बारें में पूछा तो उनका जवाब आया की उन्होंने paras patthar को कभी नही देखा है. पर एक दिन एक व्यक्ति ने उसे कहा की उसके पास पारस है और लड़के के जिद्द करने पर उसने अपने दोनों हाथ उसके आगे किये और बोला की यह ही पारस है अगर आप कर्मयोगी बनते है तो paras patthar की तरह आप भी अपनी किस्मत चमका सकते है और आपके संपर्क में आने वाला है इंसान कामयाबी की राह पर चल जाएगा. उस दिन के बाद लड़के ने पारस की खोज बंद की और अपने कर्म पर ध्यान दिया और एक दिन वह भी सफल हो गया.
पारस पत्थर से जुड़ी कुछ अन्य बातें
माना जाता है की कोवों को पारस पत्थर की पहचान होती है. कहते है की प्राचीन लोग कोए के पेरों में लोहा बाँध देते थे और वह सोने की बन जाती थी और उसके बड़ा उनका पीछा किया जाता था.
पारस पत्थर हिमालय के जंगलो में मिल सकता है कहते हैं की यहाँ के योगी पारस को खोज लेते थे पर अब मिलना बहुत मुश्किल है.
यह पत्थर अन्य पत्थरों की भाँती चमकने लगता है.
कुछ लोग कहते हैं की मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के दनवारा गांव में एक कुए के अंदर paras patthar है क्योंकि वह कुओं हमेशा चमकता रहता है.
पारस से जुड़ी यह बातें आपको कैसी लगी हमें जरुर बताएं और हम आपके लिए ऐसे ही अनेक अच्छे और रहस्यमयी आर्टिकल लाते रहेंगे इसलिए हमारी वेबसाइट पर हर रोज विजिट करें.
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