हर शख्श बदल जाता है
ज़माने में इस कदर,,,
अब तो परछाइयाँ भी देख कर
लगता है डर,,,
कुछ पल में ही लोग
रिश्ते बना लेते हैं,,,
साथ चलते हैं कुछ पल
और फिर अपना बना लेते हैं,,,
साथ जीने मरने का
फिर ख्वाब सजाया जाता है,,,
दिल के हर पहलू में
बस उसे बसाया जाता है,,,
हर पल में, हर लम्हें में
फिर साथ उसी का पाते हैं,,,
जुदा कभी ना होने की फिर
कसमें भी खा जाते हैं,,,
हम जिस पल भी हँसते है
मुस्कान उसी की होती है,,,
उसके खो जाने के डर से
रूह हमारी रोती है,,,
जज़्बातों की डोर में फिर
एक ख्वाब पिरोया जाता है,,,
मैं तुझसे, तू मुझमें है
ये विश्वास संजोया जाता है,,,
विश्वासों की ईंटों से
एक महल बनाया जाता है,,,
छोटी छोटी की खुशियों को
अनमोल बनाया जाता है,,,
इस बदलती दुनिया का फिर
रंग भी ऐसा चढ़ता है,,,
झूठे सच्चे इल्ज़ामों का
दौर उस समय बढ़ता है,,,
विश्वास के उस महल की
हर ईंट हिलाई जाती है,,,
झूठे चेहरों के पीछे
सच्चाई छुपाई जाती है,,,
जाने कौन सा दर्द उस समय
आँखों से हर पल बहता है,,,
कैसे बदल जाता इंसान
मलाल ये दिल में रहता है,,,
पर जब कोई बदल जाता है
तो कैसे जिया जाता है,,,
पत्थर जैसे इंसानों को
खुदा कह दिया जाता है,,,
पत्थर जैसे इंसानों को
खुदा कह दिया जाता है,,,!!!
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Awsm
dhanywaad nikita
Good
thanxx anika
Very nice
thanxxx karishma
Okkc