Poetry

मेरी प्रतिभा

मेरी प्रतिभा | My talent
Written by Abhilash kumar

मेरी प्रतिभा
हमने उस इंसान को खुदा बना
रखा है,,,
जो अब हमें
कुछ भी नहीं मानता,,,

अनेक प्रतिभाएं होती हैं लोगों के पास
खुद को साबित करने के लिए,,,
पर कब किसकी प्रतिभा
उससे दूर हो जाये,,
ये कोई नहीं जानता,,,

सबकी अपनी नज़र होती है,,
सबका अपना नजरिया भी होता है,,,
जो सच्चाई लेकर चलता है,,
वो हर कदम पर रोता है,,,

सच्चाई कहने वालों को
नीच कह दिया जाता है,,,
जो ख़ुशी बांटना चाहता है
उसे दर्द दे दिया जाता है,,,

जिसके लिए हम
हर जख्म खाने को तैयार हैं,,,
आज वो शख्श हमें
उस काबिल भी नहीं मानता,,,

अनेक प्रतिभाएं होती हैं लोगों के पास
खुद को साबित करने के लिए,,,
पर कब किसकी प्रतिभा
उससे दूर हो जाये,,
ये कोई नहीं जानता,,,

छोटे सपनों वालों के ख्वाब
तोड़ दिए जाते हैं,,,
उड़ते हुए पंछी के पर
मरोड़ दिए जाते हैं,,,

खुश रहने की चाहत का
बड़ा मूल्य चुकाना पड़ता है,,,
छोटी छोटी बातों का
इलज़ाम उठाना पड़ता है,,,

जिस शख्श की खुशियों के लिए
हर एक से बुराई ले ली हमने,,
वो शख्श हमारी खुशियों की
एहमियत भी नहीं जानता,,,

अनेक प्रतिभाएं होती हैं लोगों के पास
खुद को साबित करने के लिए,,
पर कब किसकी प्रतिभा
उससे दूर हो जाये,,
ये कोई नहीं जानता,,,

पर कब किसकी प्रतिभा उससे दूर हो जाये,,
ये कोई नहीं जानता,,,!!!

About the author

Abhilash kumar

Hello Friends this is Abhilash kumar. A simple person having complicated mind. An Engineer, blogger,developer,teacher who love ❤️ to gather and share knowledge ❤️❤️❤️❤️.

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