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Child Labour a Curse

child labour
Written by lajawabhindi.com

आज के Blog में हम बाल मजदूरी(Child Labour) के बारे में बात करेंगे तथा ये भी देखेंगे कि विश्व में सबसे ज्यादा कानून भारत के अंदर है लेकिन फिर भी भारत में ही सबसे ज्यादा बाल मजदुर है ! इसके कारणों के बारे में बात करेंगे तथा इसके दुष्प्रभाव के बारे में बात करेंगे और इसके समाधान की चर्चा करेंगे ! आपको इन सारे सवालों के जवाब इस blog को पूरा पढ़ने पर मिल जायेगा…..

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 24 के अनुसार 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से काम करवाना कानूनन अपराध है!

इसके साथ साथ विश्व में सबसे ज्यादा Labour Laws India के अंदर है लेकिन ये सभी कानून Practicality में लागु नहीं हो पाते है इसका परिणाम ये है कि वर्तमान में लगभग 12 मिलियन बच्चे सरकारी Records के अनुसार तथा 60 मिलियन बच्चे गैर सरकारी संगठनों के Records के अनुसार 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे बाल मजदूरी करने को विवश है ! भारत जैसे विकाशशील देश के लिए यह एक चिंता का विषय है क्यूंकि ये जो बच्चे है वही तो देश का भविष्य है अगर बाल मजदूरी को नहीं रोका गया तो बहुत सारे बच्चो का भविष्य अँधेरे में चला जायेगा जिससे अपने देश को बहुत ज्यादा नुक्सान होगा !

बाल मजदूरी का मतलब है कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चो का काम करना ! ये बच्चे मज़बूरी , गरीबी, लाचारी तथा इनके माता पिता के लालच और उनके अनपढ़ होने के कारण बच्चो को अपना बचपन गवाना पड़ रहा है जिस समय में इन बच्चों को स्कूल जाना चाहिए, दोस्तों के साथ खेलना चाहिए , चिंता मुक्त रहना चाहिए उस समय भारत के अंदर बच्चों की एक बहुत बड़ी आबादी काम पर जाती है !

इन बच्चों को हम अपने चारो तरफ आसानी से देख सकते है जैसे चाय की दुकानों पर , ढाबो पर , फैक्टरियों में , दफ्तरों में , खद्दानो में तथा घरो में काम करने वालो के रूप में ! बाल मजदूरी को रोकने के लिए सरकार के साथ साथ समाज को भी काम करना पड़ेगा लेकिन हम लोग विरोध करने की जगह आँखे बंद कर लेते है !

बाल मजदूरी के दुष्प्रभाव :-
  1. बच्चों के विकाश का रुक जाना :- बाल मजदूरी के कारण न हीं सिर्फ बच्चों का शारीरिक विकाश , मानसिक विकाश अपितु बौद्धिक विकाश भी रुक जाता है जिसके कारण बच्चों की सोचने समझने की शक्ति प्रभावित होती है और इनका सम्पूर्ण विकाश भी नहीं हो पाता है तथा जिसके कारण ये बच्चे भविष्य में देश के विकाश में कोई योगदान नहीं दे पाते है !
  2. शिक्षा से वंचित :- बाल मजदूरी के कारण ये बच्चे पढ़ लिख नहीं पाते तथा स्कूल भी नहीं जा पाते है !
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 A के अनुसार सभी बच्चों को, जिनकी उम्र 6-14 के बीच है, शिक्षा का अधिकार दिया गया है!

जो इन बच्चो को नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण भविष्य में इन बच्चों को पढ़ने लिखने के काम के लिए दूसरो पर निर्भर रहना पड़ेगा !

  1. जान का खतरा :- बच्चों से खतरनाक जगह पर काम करवाने से उनकी जान भी खतरे में पड़ सकती है जैसे बच्चों से खदानों में, फैक्टरियों में काम करवाया जाता है जो बहुत ही ज्यादा खतरनाक है !
  2. बच्चों का शोषण :- बच्चो को अलग अलग जगह पर काम करना पड़ता है जहा पर उनका अलग अलग तरीके से शोषण किया जाता है सबसे सामान्य शोषण का तरीका है , बच्चों को कम मजदूरी देना !
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को तयशुदा मजदूरी से कम वेतन दिया जाता है तो वो बेगारी कहलाता है! जो कि कानूनन एक अपराध है !

बच्चों को फैक्टरियों में गाली तक दी जाती है जो कि उनका मानसिक शोषण किया जाता है !

बाल मजदूरी को रोकने के उपाय:-

सबसे पहले लोगो को अपनी सोच बदलने की जरुरत है क्यूंकि लोग ही है जो बच्चों को घरो में, दफ्तरों में, फैक्टरियों में तथा अन्य जगह पर काम पर रखते है तथा समाज को इन लोगो के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए! जो लोग बच्चों को अपने यहां पर काम पर रखते है ! सरकार का काम है कि लोगो को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करे तथा बाल मजदूरी से सम्बंधित कानूनों को और ज्यादा कठोर किया जाये तथा इसके साथ साथ सरकार की एजेंसियो को समय समय पर फैक्टरियों का दौरा करना चाहिए और अगर कोई व्यक्ति मिल जाता है,जो बच्चों को अपने यहाँ पर काम पर रख रखा है उसको कड़ी सज़ा दी जानी चाहिए !

धन्यवाद……

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